Good news for government employees: मध्य प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल 2025 का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। इस दिन से प्रदेश के समस्त राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार महंगाई भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री मोहन सिंह के नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया है। अब तक मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के अनुसार ही महंगाई भत्ता मिल रहा था, लेकिन अब नए पैटर्न के अनुसार उन्हें अधिक लाभ मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला
मुख्यमंत्री मोहन सिंह ने हाल ही में कैबिनेट की एक विशेष बैठक बुलाई थी, जिसमें राज्य के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब सभी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार महंगाई भत्ता दिया जाएगा। यह कदम राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है और उनके आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
9 साल बाद हटी प्रमोशन पर लगी रोक
मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक और अच्छी खबर यह है कि उनके प्रमोशन पर लगी लंबी रोक भी अब हट गई है। वर्ष 2016 से लगभग 9 वर्षों तक राज्य के कर्मचारियों का प्रमोशन नहीं हुआ था, जिससे उनकी करियर ग्रोथ और वेतन वृद्धि दोनों प्रभावित हुए थे। मोहन सिंह सरकार ने इस रोक को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है, जिससे अब कर्मचारियों की तरक्की का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सरकार ने इस संबंध में सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
कर्मचारियों को मिलेंगे कई अतिरिक्त लाभ
सातवें वेतनमान के अनुसार महंगाई भत्ता मिलने के अलावा, राज्य के कर्मचारियों को अन्य कई आर्थिक लाभ भी प्राप्त होंगे। इनमें हाउस रेंट अलाउंस में वृद्धि, पेट्रोल और डीजल खर्च के लिए अतिरिक्त भत्ता, तथा अन्य विविध खर्चों के लिए बढ़ी हुई राशि शामिल है। यह सुनिश्चित करेगा कि बढ़ती महंगाई के बीच कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखा जा सके और उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।
छठे से सातवें वेतनमान का अंतर
अब तक मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के हिसाब से महंगाई भत्ता मिल रहा था, जो अब बदलकर सातवें वेतनमान के अनुसार होगा। इस परिवर्तन से कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। सातवां वेतन आयोग पहले से ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू है, और अब मध्य प्रदेश के कर्मचारी भी इसका लाभ उठा सकेंगे। यह कदम राज्य और केंद्र के कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता को कम करने में भी मदद करेगा।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
इस घोषणा के बाद मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है। लंबे समय से वे इस परिवर्तन की मांग कर रहे थे, और अब जब यह वास्तविकता बन गई है, तो कर्मचारी संघों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। यह नया वेतनमान न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाएगा, जिससे कार्य प्रदर्शन में सुधार होने की उम्मीद है।
अस्वीकरण (Disclaimer)
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। सरकारी नीतियां और निर्णय समय-समय पर बदल सकते हैं। किसी भी आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया संबंधित सरकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या नोटिफिकेशन का संदर्भ लें। लेख के आधार पर की गई किसी भी कार्रवाई के लिए लेखक या प्रकाशक उत्तरदायी नहीं होंगे।